मुंबई: पिछले कुछ समय से रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे, माना जा रहा था कि रोहित को टेस्ट और वनडे टीम की कप्तानी से हटाया जा सकता है।
लेकिन 1 जनवरी को हुई समीक्षा बैठक में तय किया गया कि, उनकी कप्तानी पर कोई खतरा नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों को पारंपरिक प्रारूप में उनकी कप्तानी में कुछ भी असंतोषजनक नहीं लगा है।
बीसीसीआई सचिव जय शाह द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में कप्तान रोहित, मुख्य कोच राहुल द्रविड़ शामिल हुए। बैठक में पूर्व चयन समिति के प्रमुख चेतन शर्मा, एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और बोर्ड अध्यक्ष रोजर बिन्नी भी शामिल हुए।
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (World Test Championship) पर ध्यान केंद्रित है और भारत के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें अधिक हैं। इसके अलावा 2023 में वनडे वर्ल्ड कप भी होना है।
नए टी20 कप्तान हार्दिक पांड्या बैठक में शामिल नहीं हुए। हार्दिक श्रीलंका के खिलाफ मंगलवार से शुरू हो रही टी20 सीरीज के लिए मुंबई में हैं।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, रोहित वनडे और टेस्ट टीमों की कप्तानी कर रहे हैं और इन दोनों प्रारूपों में कप्तान के रूप में उनके भविष्य को लेकर कोई बात नहीं हुई है।
टेस्ट और वनडे में उनकी कप्तानी का रिकॉर्ड शानदार है। यह भी तय हुआ कि 20 खिलाड़ियों के पूल को 2023 वर्ल्ड कप तक रोटेट किया जाना है।
यदि वह अध्यक्ष नहीं भी बनता है तो भी वह उत्तरी क्षेत्र का प्रतिनिधि हो सकता है। साउथ जोन के लिए पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का नाम भी चर्चा में है लेकिन उनका चयन पक्का नहीं है।
2023 विश्व कप की तैयारियों का खाका तैयार करने में शर्मा का शामिल होना बड़ा संकेत है. सूत्र ने कहा कि अगर शर्मा से नहीं पूछा जाता तो वह इस पद के लिए आवेदन ही नहीं करते। यह अपने आप में एक संकेत है।
भारत को दस महीने में वर्ल्ड कप खेलना है। चेतन और हरविंदर की मौजूदगी से तीन नए सदस्यों के साथ निरंतरता बनी रहेगी।
समझा जाता है कि एसएस दास को ईस्ट जोन से चुना जा सकता है क्योंकि उनके पास 21 टेस्ट का अनुभव है। पश्चिम से गुजरात के मुकुंद परमार, सलिल अंकोला और समीर दीघे का नाम दौड़ में है।