Rishabh Pant Update : सड़क हादसे के बाद ऋषभ पंत ने किया पहला ट्वीट, करियर को लेकर दिया बड़ा बयान

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Cricket fraternity is worried about Rishabh Pant

Rishabh Pant Update : टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Team India’s wicket-keeper batsman Rishabh Pant) पिछले साल एक सड़क हादसे में घायल हो गए थे। पंत अपनी मर्सिडीज कार से रुड़की जा रहे थे तभी उनके साथ यह हादसा हो गया।

हादसे के बाद सबसे पहले ऋषभ पंत का इलाज देहरादून के मैक्स अस्पताल में हुआ। फिर उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। अब ऋषभ पंत ने हादसे के बाद पहली बार सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

पंत ने बताया है कि, उनकी सर्जरी सफल रही है और आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। पंत ने इस कठिन समय में साथ देने के लिए बीसीसीआई, प्रशंसकों, सरकारी प्राधिकरण का भी शुक्रिया अदा किया। पंत भी जल्द मैदान पर वापसी करना चाहते हैं।

ऋषभ पंत ने लिखा, ‘मैं समर्थन और शुभकामनाओं के लिए सभी का बहुत विनम्र और आभारी महसूस कर रहा हूं। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरी सर्जरी सफल रही। रिकवरी का रास्ता शुरू हो गया है और मैं आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हूं। बीसीसीआई, जय शाह और सरकारी अथॉरिटी को धन्यवाद।

पंत ने आगे लिखा, अपने दिल की गहराई से मैं अपने सभी प्रशंसकों, टीममेट्स, डॉक्टरों और फिजियो को भी उनके दयालु शब्दों और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. आप सभी को मैदान पर देखने के लिए उत्सुक हूं।’

कोकिलाबेन अस्पताल में ऋषभ पंत की लिगामेंट रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी हुई थी। अब अगले छह सप्ताह के भीतर ऋषभ पंत की एक और सर्जरी होने की उम्मीद है। ऐसे में इस विकेटकीपर बल्लेबाज के आईपीएल और एशिया कप के साथ ही अक्टूबर-नवंबर में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप से भी बाहर होने की संभावना है।

कार हादसे के बाद मैक्स अस्पताल में पंत के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का एमआरआई किया गया था। लेकिन सूजन और दर्द की वजह से उनके घुटने और टखने का एमआरआई नहीं हो सका। ऐसा प्रतीत होता है कि पंत को टखने और घुटने दोनों की सर्जरी करनी होगी। घुटने के लिगामेंट सर्जरी से उबरने में आमतौर पर 6-8 महीने लगते हैं।

हादसे में ऋषभ पंत का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था। उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई जिसके बाद उसमें आग लग गई। पंत किसी तरह कार से बाहर निकले। हरियाणा रोडवेज के बस चालक सुशील ने उसकी काफी मदद की। बाद में बस चालक व परिचालक को उत्तराखंड सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।

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