IND vs NZ ODI Series Ravi Shastri: भारतीय टीम इस समय न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेलने में व्यस्त है। दोनों देशों के बीच पहला वनडे मैच खेला जा चुका है जिसमें भारत ने 12 रन से जीत दर्ज की।
अब दोनों देशों के बीच दूसरा वनडे 21 जनवरी को रायपुर से खेला जाना है. दूसरे वनडे से पहले टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने विराट कोहली को एक अहम सलाह दी है।
रवि शास्त्री ने कहा कि विराट को सीरीज का आखिरी वनडे खेलने की बजाय रणजी ट्रॉफी मैच खेलना चाहिए, ताकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले आत्मविश्वास हासिल किया जा सके।
कोहली ने सफेद गेंद की क्रिकेट में फॉर्म तो हासिल कर ली है, लेकिन वह लंबे समय से टेस्ट मैचों में बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं. विराट कोहली का आखिरी टेस्ट शतक साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ आया था।
विराट कोहली ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में भी भाग लिया था जहां उन्होंने बल्ले से कुल 45 रन बनाए थे।
शीर्ष खिलाड़ी प्रथम श्रेणी नहीं खेलते: शास्त्री
रवि शास्त्री ने कमेंट्री के दौरान कहा, मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आपको प्रथम श्रेणी क्रिकेट ज्यादा खेलना चाहिए, खासकर तब जब आप भारत में काफी खेलने वाले हो।
मुझे लगता है कि शीर्ष खिलाड़ी पर्याप्त प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेलते हैं। चारों ओर काफी क्रिकेट है, आप जोखिम नहीं लेना चाहते। लेकिन, कभी-कभी आपको स्मार्ट होना पड़ता है और बड़ी तस्वीर को देखते हुए कुछ मैचों का त्याग करना पड़ता है।
रवि शास्त्री ने आगे कहा, इस समय बड़ी तस्वीर ऑस्ट्रेलिया है. मुझे लगता है कि विराट कोहली को बॉर्डर गावस्कर सीरीज की तैयारी के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा वनडे नहीं खेलना चाहिए और रणजी मैच खेलना चाहिए।
आपको बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरा वनडे मैच 24 जनवरी को होना है। इसी दिन दिल्ली की टीम हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेलेगी।
शास्त्री ने बरसों पुरानी घटना याद दिलाई
शास्त्री ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया जिन्होंने 25 साल पहले इसी तरह से ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला से पहले एक घरेलू मैच खेलने का फैसला किया था।
शास्त्री ने कहा, 25 साल पहले सचिन तेंदुलकर एक ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ सीसीआई में खेलने गए थे और दोहरा शतक लगाया था।
दो महीने बाद 1998 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सभी प्रारूपों में 1000 से ऊपर रन बनाए। उन्होंने शानदार दोहरा शतक जमाया और ऑस्ट्रेलिया को पता था कि वह इस खिलाड़ी को जल्दी आउट नहीं कर पाएंगे।