How fatal can it prove to be for players if fans enter field again and again?

Cricekt News : भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मैच 15 जनवरी को तिरुवनंतपुरम में खेला गया था। इस मैच में टीम इंडिया को 317 रन से ऐतिहासिक जीत मिली थी।

भारत की जीत में विराट कोहली और शुभमन गिल का अहम योगदान रहा। इन दोनों खिलाड़ियों ने शतक लगाए। लेकिन इसके अलावा मैदान पर एक और दिलचस्प वाकया हुआ। कोहली का एक फैन सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर मैदान पर पहुंच गया और उनके पैर छू लिए।

इतना ही नहीं पास में खड़े सूर्यकुमार यादव ने कोहली और उनके फैन की साथ में फोटो भी क्लिक करवाई। सोशल मीडिया पर फैंस सूर्यकुमार और कोहली के इस अंदाज की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

इस पर फैन्स ने तरह-तरह के रिएक्शन दिए। लेकिन किसी ने यह सवाल नहीं पूछा कि हाल के दिनों में मैदान पर घुसपैठियों की संख्या क्यों बढ़ रही है और इतने कड़े सुरक्षा इंतजाम के बावजूद दर्शनार्थी मैदान में कैसे पहुंच रहे हैं.

वैसे खेल के मैदान पर क्रिकेट प्रेमियों की घुसपैठ कोई नई बात नहीं है। ऐसे कई वाकये इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, जब मैदान पर फैंस ने हंगामा किया था।

इंग्लैंड और भारत के बीच साल 2021 में खेली जा रही टेस्ट सीरीज के दौरान जार्वो नाम का शख्स कई बार मैदान में घुसा और खेल में खलल डाला।

लेकिन सोशल मीडिया पर भी उन्हें हीरो की तरह ही दिखाया गया। इसने दूसरों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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टी20 वर्ल्ड कप 2022 ज्यादा समय नहीं हुआ है जब भारत बनाम जिम्बाब्वे मैच के दौरान हाथ में तिरंगा लिए एक युवा फैन रोहित शर्मा से मिलने मैदान पर पहुंचा। हालांकि इसके बाद युवक पर भारी जुर्माना लगाया गया।

जार्वो पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। उन्हें यॉर्कशायर काउंटी क्रिकेट क्लब द्वारा प्रतिबंधित भी किया गया था। लेकिन सोशल मीडिया पर मिले जबरदस्त समर्थन ने उन्हें बार-बार ऐसी हरकत करने के लिए उकसाया.

इस तरह की घटनाएं न केवल समय की बर्बादी होती हैं, बल्कि इससे खिलाड़ियों की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा होता है। अगर प्रशंसक खिलाड़ियों के नजदीक पहुंचकर उनके पैर छू सकते हैं तो असामाजिक तत्व भी खिलाड़ियों के नजदीक जाकर किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं।

लेकिन इसका समाधान क्या होना चाहिए? उम्मीद है कि यह सवाल आईसीसी और अन्य क्रिकेट बोर्ड के मन में भी आया होगा। लेकिन ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदार संस्थाएं पूरी तरह से निष्क्रिय हैं।

ICC को ऐसे लोगों को भारी जुर्माने के अलावा कड़ी सजा देनी चाहिए। वहीं, स्टेडियम ऐसे खिलाड़ियों को ब्लैकलिस्ट कर सकता है और उन्हें हमेशा के लिए स्टेडियम में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर सकता है।

इसके अलावा अगर युवा प्रशंसक इस तरह की हरकत करते हैं तो उनके माता-पिता या अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही मैदान पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।

ऐसी स्थितियों से निपटने में कौन विशेषज्ञ होना चाहिए। लोगों को भी जिम्मेदार बनना चाहिए और ऐसे लोगों को सोशल मीडिया पर सपोर्ट करने से बचना चाहिए।

सूर्यकुमार यादव ने जिस तरह से विराट कोहली और उनके फैन की तिरुवनंतपुरम मैच के दौरान तस्वीर क्लिक की, उससे इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की सोच रहें फैंस का मनोबल भी ऊंचा हुआ होगा, इसलिए खिलाड़ियों को भी फैंस का ऐसे मामलों में साथ देना बंद करना होगा।

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