Ravindra Jadeja Controversy | भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 शुरू होने से पहले ही इस टेस्ट सीरीज की पिचों को लेकर लगातार बयानबाजी देखने को मिल रही थी. इसके बाद नागपुर टेस्ट मैच की पिच को देखकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे लेकर भारतीय टीम पर कई आरोप लगाए।
उधर, जब टेस्ट मैच शुरू हुआ तो पहले दिन के खेल के दौरान रवींद्र जडेजा का एक वीडियो वायरल होने पर भारतीय टीम ने भी रेफरी को अपनी सफाई दी. यह पहली बार नहीं है जब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने झूठे आरोप लगाकर भारतीय टीम पर बाहर से दबाव बनाने की कोशिश की है।
इससे पहले भी कई बार ऐसी चीजें देखने को मिली हैं, जिसमें साल 2008 में जब एंड्रयू साइमंड्स ने हरभजन सिंह पर उन्हें मंकी कहने का आरोप लगाया था, उस वक्त ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भारतीय टीम को घेरने के लिए जमकर काम किया था।
वहीं अगर नागपुर टेस्ट मैच की बात करें तो पहले दिन के खेल में रवींद्र जडेजा की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को महज 177 रनों पर समेट दिया. वहीं, गेंदबाजी के दौरान उनकी उंगली में दर्द होने की वजह से उन्होंने एक क्रीम का इस्तेमाल किया।
इस घटना का वीडियो चलाकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने तो जडेजा पर बॉल टेंपरिंग का आरोप तक लगा दिया था. हालांकि इसके बाद जब भारतीय टीम ने मैच रेफरी को पूरी घटना की जानकारी दी तो पूरा मामला शांत हो गया।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया 12वें खिलाड़ी के तौर पर काम करता है
जब भारतीय टीम ने साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था, उस समय ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर झूठे आरोप लगाए थे और कहा था कि वे क्वारंटाइन में नहीं रहना चाहते हैं। इसके बाद जब पूरे मामले की सच्चाई का पता चला तो एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को खामोश रहना पड़ा।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम जब भी सीरीज खेलने के लिए किसी देश के दौरे पर जाती है तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया उस समय अपनी टीम के लिए 12वें खिलाड़ी के रूप में काम करता नजर आता है।
इस दौरान वह ऐसे मुद्दों को उठाती नजर आ रही हैं जिनका खेलों से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि पिछली 3 टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने अपने खेल के जरिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को करारा जवाब दिया है।